पटना: बिहार के कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत करते हुए राज्य सरकार ने 'कृषि समृद्धि योजना' नामक एक महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना, खेती के तरीकों का आधुनिकीकरण करना और उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखना है। मुख्यमंत्री ने इस योजना को 'बिहार के किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम' बताया, जो राज्य को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।
सरकार का मानना है कि कृषि समृद्धि योजना किसानों को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं देगी, बल्कि उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त भी बनाएगी। इस योजना के तहत, सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया है, जिससे खेती एक लाभकारी व्यवसाय बन सके।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ:
आर्थिक सहायता और सब्सिडी: इस योजना के तहत, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, जैविक खाद और आधुनिक कृषि उपकरणों जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और सिंचाई पंप पर भारी सब्सिडी दी जाएगी। छोटे और सीमांत किसानों को विशेष रूप से लाभ पहुंचाने के लिए सब्सिडी की दरें अलग-अलग निर्धारित की गई हैं।
तकनीकी सशक्तिकरण: 'कृषि समृद्धि योजना' के तहत किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से जोड़ा जाएगा। इसके लिए, एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से किसान मौसम का पूर्वानुमान, मिट्टी की सेहत की जानकारी और विशेषज्ञ सलाह प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, ड्रोन और सेंसर जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग फसल पर कीटनाशक के छिड़काव और फसल की निगरानी के लिए किया जाएगा।
फसल बीमा और सुरक्षा कवच: योजना का एक सबसे महत्वपूर्ण पहलू किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करना है। इसके तहत, 'फसल बीमा योजना' को और अधिक प्रभावी बनाया गया है, जिससे बाढ़, सूखा या ओलावृष्टि जैसी स्थितियों में किसानों को समय पर और पर्याप्त मुआवजा मिल सके।
बाजार से सीधा जुड़ाव: इस योजना के तहत किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए 'ई-मंडी' (e-Mandi) और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इससे किसान सीधे खरीदारों से जुड़ पाएंगे और बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाएगी। सरकार ने किसानों के लिए एक समर्पित पोर्टल भी शुरू किया है, जहां वे अपनी फसल का पंजीकरण कर सकते हैं और खरीदारों से जुड़ सकते हैं।
प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम: 'कृषि समृद्धि योजना' के तहत किसानों को जैविक खेती, जल संरक्षण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों के बारे में शिक्षित करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में कृषि विशेषज्ञ किसानों को नवीनतम तकनीकों और सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे।
कृषि मंत्री ने इस योजना को बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक संजीवनी बताया। उन्होंने कहा कि "हमारा लक्ष्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि किसानों को खुशहाल बनाना है। यह योजना इस दिशा में एक निर्णायक कदम है।"
यह योजना पहले चरण में बिहार के दस जिलों में लागू की जाएगी और इसके सफल क्रियान्वयन के बाद इसे पूरे राज्य में फैलाया जाएगा। सरकार ने सभी किसानों से अपील की है कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी कृषि को एक नई ऊंचाई दें।
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